नदी के पार-Beyond the river a new short motivational story in hindi language
नदी उस बड़े से उजाड़ मैदान के पास आकर धनुष के आकार में मुद गई थी पैंतीस के ऊपर की एक दुबली-पतली सी पागल औरत वहाँ रहती थी। वह अपनी एकांत कुटिया में अकेली ही रहती थी। जब मालकिन मरी तो उन्हें इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ था किला फाले नदी से…