पत्थर-two new short inspirational story in hindi language about the life’s problem
पत्थर-two new short inspirational story in hindi language about the life’s problem
फेदोर सॉलोडब एक पत्थर जो सड़क पर पड़ा था के पहिये से अलग हो गया। उसने मन ही मन सोचा | मैं दूसरे पत्थरों के साथ क्यों बंधा रहूं .स्वतंत्र जीवन क्यों ना जिऊँ। इतने में एक लड़का आया और उस पत्थर को उठाकर चल दिया। पत्थर ने सोचा-‘मैं चल रहा हूँ क्योंकि मुझमे चलने की मज़बूत इच्छाशक्ति है। कुछ दूर बाद लड़के ने उस पत्थर को घर की तरफ फेंका। पत्थर ने सोचा -मैं तो उड़ रहा हूँ क्योंकि मैं उड़ाना चाहता था। पत्थर एक खिड़की से जा टकराया। शिक्षा टूटते हुए चिल्ल्या -अरे ओ मुर्ख यह तुमने क्या किया?’पत्थर ने घमंड से कहा-‘तुम मेरी राह में मत आओ।
‘सब कुछ मेरी इच्छा से होनी चाहिए। फिर घर का नौकर आया उसने उस पत्थर को खिड़की के बाहर फेंक दिया। उसने अन्य नीचे पड़े पत्थरों से कहना शुरू किया-‘दोस्तों ‘मैं तो महल के निमंत्रण पर गया था। लेकिन मुझे वहाँ की रईसी बिलकुल पसंद ना आयी मेरा मन तो आप लोगों के साथ रहने के लिए तड़प रहा था सो आपलोगों के बीच लौट आया हूँ। इसे कहते हैं बड़बोलापन।
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[२] उपनिषद
जो आपको निर्वाण दे,वही तो विद्याहै सा विद्या या विमुक्तये’,विद्या जो मुक्त करे,मोक्ष दे। उपनिषद का अर्थ है -गुरु के पास बैठना। उप यानी पास निषद यानी बैठना। ह्रदय की धकड़न बन जाना। जिसने सब जाना है ,उनके पास बैठना। दोनों के बीच फासला समाप्त हो जाये और एक हृदय धकड़ने लगे। स्वस्थ हो जाना उपनिषद है। अप्सरा उर्वशी और पुरुरवा की प्रेम कथा बड़ी निराली है। वह पुरुरवा के प्रेमपाश में फंस गयी। ऐसा अलौकिक सौंदर्य,अप्रतिम एक दिन पुरुरवा ने जिद कर उसके अस्तित्व के बारे में पूछा। उसने कहा कि अगर मैं बता दूंगी मैं तिरोहित हो जाउंगी। उर्वशी तो वायवीय थी। पुरुवरा ने सोचा ,आखिर कहाँ जायेगी? यह तो कोरा धमकी था। उसने बता ही दिया। थक गई थी देवताओं के साथ रहकर।
पृथ्वी की सोंधी सुगंध उसे आमंत्रित कर रही थी। किसी मनुष्य के छाती से लग कर आलिंगन का एहसास। पुरुरवा उस रात खूब सोया ,नींद में भी उर्वशी का साडी पकडे रहा प्रातःकाल उसके हाथ में साडी ही हाथ में थी। उर्वशी जा चुकी थी। तब से पुरवा उर्वशी को रहा है| यही हाल मनुष्यों का है। इस संसार में प्रत्येक मनुष्य उर्वशी को ढूंढ रहा है। हनीमून बिताकर ख़ुशी-ख़ुशी लौटते हैं। ,अगर पति नहीं तो आसान तरीका अलग होने का तलाक होता है। उर्वशी चली जाती है और दूसरी उर्वशी की तलाश शुरू हो जाता है.यह प्रयास अनवरत चलता रहता है।
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